India news (इंडिया न्यूज़), CM Sukhu, शिमला: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhu) ने आज शिमला में आयोजित जायका की वानिकी एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन परियोजनाओं (एनआरएम) को संबोेधित किया। इस तीन दिवसीय 12वीं वार्षिक कार्यशाला में सीएम सुक्खू ने धर्मशाला से वर्चुअल माध्यम से जुड़े। इस मौके पर सीएम ने प्रदेश के हरित आवरण को बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में लगभग 28 प्रतिशत हरित आवरण है और प्रदेश सरकार ने वर्ष 2030 तक इसे बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
सीेएम (CM Sukhu) ने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जायका की तरफ से वित्त पोषित वानिकी और एनआरएम परियोजनाओं ने राज्य में हरित क्षेत्र को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले दो वर्षों में, उन्नत तकनीकों की मदद से 4 हजार 600 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर पौधारोपण किया गया है। सामुदायिक और वानिकी उद्देश्यों के लिए परियोजनाओं के माध्यम से उच्च गुणवता वाली पौध तैयार करने तथा 60 लाख से अधिक महत्वपूर्ण गुणवतापूर्ण प्रजातियों के पौधे विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
वन संसाधनोें पर निर्भर है अधिकांश आजीविका
सीएम सुक्खू (CM Sukhu) ने कहा कि हिमाचल जैसे कृषि प्रधान राज्य में वन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रदेश की अधिकांश आबादी अपनी आजीविका और अन्य रोजमर्रा की आवश्यकताओं के लिए वन संसाधनों पर अधिक निर्भर है। जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त करते हुए पर्यावरण हितैषी संसाधनों और समाधानों की खोज तथा वन संपदा को संरक्षित एवं बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
सीएम ने परियोजना की सराहना की
सीएम (CM Sukhu) ने सात जिलों में 460 ग्राम वन विकास समितियों (वीएफडीएस) और 900 से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के गठन के माध्यम से संयुक्त वन प्रबंधन गतिविधियों के सुदृढ़ीकरण के लिए परियोजना के प्रयासों की सराहना की। जलवायु परिवर्तन और अन्य आपदाओं से उत्पन्न जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से 15 हजार से अधिक व्यक्तियों को आजीविका गतिविधियों और वनों के सुधार के दृष्टिगत प्रशिक्षित किया गया है।
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