District Level Folk Dance and Instrumental Competition in Shimla सांस्कृतिक आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण: विद्यानंद सरैक
इंडिया न्यूज, शिमला :
District Level Folk Dance and Instrumental Competition in Shimla : प्रदेश की संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन तथा युवाओं की इसमें भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सांस्कृतिक आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यह बात पद्मश्री विद्यानंद सरैक ने वरिष्ठ लोक संगीतज्ञ, साहित्यकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय लोकनृत्य तथा वाद्य यंत्र प्रतियोगिता के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में समापन अवसर पर कही।
सरैक ने कहा कि प्रदेश की संस्कृति के प्रसार तथा नवोदित कलाकारों व उदयमान प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग जिला शिमला द्वारा जिले से आए 10 लोकनृत्य दलों तथा 7 वाद्य यंत्रों के समागम का यह अनूठा पर्व है।
उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों में शामिल होकर कलाकारों में जहां प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा होती है, वहीं लोक संस्कृति के प्रति उनकी समझ में परिपक्वता आती है।
उन्होंने कहा कि कलाकारों, साहित्यकारों व अन्य विधाओं से जुड़े विचारकों के लिए विभाग प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि जहां आज की युवा पीढ़ी पश्चिमी सभ्यता की तरफ आकर्षित हो रही है, वहीं इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा जहां हम अपनी युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति की ओर आकर्षित करेंगे, वहीं हम अपने समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी संजोए रखेंगे।
इस दौरान जयश्वरी सांस्कृतिक दल जैसे घाटी ठियोग, सरस्वती कला मंच ठियोग, जयदेव कुर्गण सांस्कृतिक दल सुन्नी, महासु युवक सांस्कृतिक मंडल कैदी नेरवा, चूड़धार कला मंच कांडा बनाह कुपवी, मानेश्वर सांस्कृतिक दल मानन ठियोग, चेहता सांस्कृतिक दल पंज बईया कुपवी, भगवती सांस्कृतिक दल शंठा चौपाल, शिव रंजनी सांस्कृतिक दल बलग, मानेश्वर लोकनृत्य दल मानन ठियोग तथा वाद्य यंत्र दल जय बिजट महाराज सांस्कृतिक कला मंच शाकवी कुपवी, सोगेशर कला मंच बरवोग फागू, सरस्वती वाद्य यंत्र दल ठियोग, वाद्य दल कैदी नेरवा, देवता बेंद्रा वाद्य यंत्र दल कोटखाई, कुटेश्वरी सांस्कृतिक दल नेहरा ठियोग, लोटस वेलफेयर सोसायटी ठियोग एवं स्वर संगम करयाला कला मंच शिमला द्वारा करयाला की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर विशिष्ट अतिथि सचिव भाषा एवं संस्कृति राकेश कंवर तथा भाषा एवं संस्कृति निदेशक डा. पंकज ललित उपस्थित थे।
राकेश कंवर ने पद्मश्री विद्यानंद सरैक को विभाग की ओर से विशेष रूप में सम्मानित किया और प्रदेश की संस्कृति के लिए उनके विशिष्ट योगदान की सराहना की।
इस प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल की भूमिका निभाने के लिए आए मुख्य निर्णायक मंडल डा. रामस्वरूप शांडिल तथा डा. गोपाल भारद्वाज एवं बिहारी लाल शर्मा भी उपस्थित थे।
इस दौरान मुख्यातिथि ने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर जयदेव कुर्गण सांस्कृतिक दल सुन्नी, द्वितीय स्थान पर भगवती सांस्कृतिक दल शंठा चौपाल तथा तृतीय स्थान पर महासु युवक सांस्कृतिक मंडल कैदी नेरवा व सरस्वती कला मंच ठियोग के कलाकारों तथा वाद्य यंत्र में प्रथम स्थान पर सरस्वती कला मंच ठियोग, द्वितीय स्थान पर कुटेश्वरी सांस्कृतिक दल नेहरा ठियोग तथा तृतीय स्थान पर वाद्य यंत्र दल जय बिजट महाराज सांस्कृतिक कला मंच शाकवी कुपवी के कलाकारों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर सहायक निदेशक भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग कुसुम सधैइक, भाषा अधिकारी सरोजिनी नरवाल, जिला भाषा अधिकारी अनिल कुमार हारटा तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। District Level Folk Dance and Instrumental Competition in Shimla