इंडिया न्यूज, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद विधायकों विकास कार्यों के लिए मिल रही धनराशि को रोक दिया गया है। सुक्खू सरकार ने विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना का पैसा रोक दिया है। विधायक निधि का पैसा रोकने के बाद से प्रदेश के 68 विधानसभा में विकास कार्य ठप पड़ गया है। प्रदेश में नई सड़कों के निर्माण पर तो रोक लग ही गई है साथ में सड़को की मरम्मत भी नहीं हो पा रही है। सामुदायिक भवन निर्माण, रिटेनिंग वाल और जरूरी विकास कार्य रुक गए हैं
प्रदेश की जनता विधायकों से विकास के लिए बजट मांग रही है लेकिन विकास निधि का पैसा रुकने के चलते विधायक जवाब नहीं दे पा रहे हैं। पहले की जयराम सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 की तीन किस्तें दे चुकी है। सरकार बदलने के बाद जनवरी के पहले सप्ताह में चौथी किस्त सुक्खू सरकार को जारी की जानी थी। लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक महीने से फाइल को दबा रखी है। फरवरी का दूसरा सप्ताह बीतने के बाद भी किस्त को जारी नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय योजना विभाग को नहीं भेज रहा फाइल
मुख्यमंत्री कार्यालय विधायक निधि को धनराशि आवंटित करने के लिए फाइल को योजना विभाग के पास नहीं भेज रहा है। योजना विभाग इसे संबंधित जिलों के उपायुक्तों को जारी करता है। धनराशि के आवंटन के लिए विधायकों ने भी सरकार पर दबाव बनाया था लेकिल इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। यह धनराशि 31 मार्च तक खर्च करनी होती है। उसके बाद यह धनराशि लैप्स हो जाती है। इस योजना के तहत विधायकों को 2-2 करोड़ रुपये दिए जाने थे।
विधायक निधि का पैसा रोके जाने पर बोले पूर्व सीएम
पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि विधायक क्षेत्र विकास निधि का पैसा रोक दिया गया है। इसे साल के हर तिमाही में जारी कर दिया जाता था। पैसा रोकने से विधानसभा का कार्य रुक गया है। मौजूदा सरकार हर चीजों पर रोक लगाना चाहती है। मेरी सरकार में कोविड काल के दौरान जब प्रतिकूल परिस्थितियां थीं तो कुछ कटौती जरूर की गई थी, लेकिन विधायक क्षेत्र विकास निधि पर रोक नहीं लगाई गई।
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