Himachal pradesh: हिमाचल प्रदेश के जंगलों में बेकार पड़ी लकड़ियों को उपयोग में लाने की नीति बनाई जा रही है। जंगलों में सड़ रही कीमती सूखी लकड़ियों से अब खिलौने और सजावट के सामान बनाए जाएंगे। राज्य वन विकास निगम बर्बाद हो रही लकड़ियों के इस्तेमाल के लिए नीति बनाएगा। निगम इस लकड़ी का इस्तेमाल करके आमदनी बढ़ाएगा। निगम के नवनियुक्त उपाध्यक्ष केयर सिंह खाची ने कहा कि इसके लिए जल्द ही निदेशक बोर्ड की बैठक बुलाई जाएगी। विदेश की तकनीक को अपनाने के लिए वहां के विशेषज्ञ को हिमाचल में बुलाया जाएगा।
- हिमाचल में बेकार लकड़ी से बनेंगे खिलौने
- लकड़ी के इस्तेमाल के लिए बनेगी नीति
- जल्द होगी निदेशक बोर्ड की बैठक
देवदार की लकड़ियों का हो सकेगा उपयोग
हिमाचल के सभी जिलों में जंगल देखे जा सकते हैं। शिमला, सिरमौर, कुल्लू, किन्नौर, मंडी, चंबा में देवदार के घने जंगल हैं। देवदार की लकड़ी कीमती होती है। इसका इस्तेमाल मकान या भवन बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। हर साल जंगलों में बारिश या भूस्खलन में बड़ी संख्या में पेड़ गिर जाते हैं, ऐसे पेड़ जंगलों में सड़ जाते हैं। हिमाचल में इन लकड़ियों से प्रदेश की आमदनी को बढ़ाया जा सकता है।
लकड़ियों से बनाया जाएगा खिलौना और सजावटी सामान
प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व की कांग्रेस सरकार इसको लेकर गंभीर हो गई है और इस लकड़ी का समुचित उपयोग करने के लिए नीति बनाने की बात कही है। जो लकड़ी फर्नीचर बनाने के लायक होगी उसे उसी रूप में तैयार किया जाएगा और जो फर्नीचर के लायक नहीं होगा, उससे खिलौने बनाए जाएंगे।
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