इंडिया न्यूज, Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में 24 सितंबर के दिन निजी बसों का चलना बंद हो सकता हैं। प्रदेश के निजी बस चालक-परिचालक यूनियन अपनी मांगों को लेकर हो रही अनदेखी को लेकर प्रदेश स्तरीय हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहें है। इसके साथ ही 24 सितंबर को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंडी के दौरे के लिए आ रहें हैं।
निजी बसों के चालक-परिचालकों की मांगो को सरकार कर रही अनदेखा
प्रदेश में 24 सितंबर के दिन निजी बसों का संचालन बंद होने से प्रदेश के निवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं। हड़ताल की तैयारियों के लिए यूनियन के प्रतिनिधि प्रदेश भ्रमण कर निजी बसों के चालक-परिचालकों के साथ हड़ताल करने की रणनीति को बना रहे हैं। इसी हफ्ते हड़ताल के औपचारिक एलान की तैयारी है।
यूनियन के प्रदेश महासचिव अखिल गुप्ता ने कहा कि बीते 5 सालों से निजी बसों के चालक-परिचालक सरकार से अपने सुरक्षित भविष्य की मांग रहे हैं, लेकिन सरकार इसे अनदेखा कर रही है। प्रदेश महासचिव ने कहा कि निजी बसों में सेवाएं दे रहे चालक-परिचालकों की नौकरी की कोई गारंटी नहीं है। यूनियन निजी बसों के अनुभवी चालक-परिचालकों को एचआरटीसी भर्ती में 50 फीसदी कोटे की मांग कर रही है।
यूनियन ने पहले भी 16 अगस्त को शिमला में एक दिवसीय हड़ताल की थी। इस हड़ताल के बाद भी सरकार की ओर से कोई कदम ना उठाने के चलते यूनियन में नाराजगी है। बताया जा रहा है कि यूनियन के नेता परिवहन मंत्री महज एचआरटीसी के स्टाफ की मांगों को गंभीरता से ले रहे हैं। निजी बसों के चालक-परिचालकों की अनदेखी कर रहे हैं।
यूनियन की मांगें
- एचआरटीसी चालक परिचालक भर्ती में निजी बसों के अनुभवी चालकों को 50 फीसदी कोट मिलना चाहिए।
- परिवहन विभाग की ओर से आई कार्ड जारी होने चाहिए।
- सभी को मेडिकल सुविधा मिलनी चाहिए।
- बस स्टैंड में रेस्ट रूम की सुविधा भी दी जानी चाहिए।
- एचआरटीसी और प्राइवेट बसों के लिए ज्वाइंट टाइम टेबल लागू किया जाए।
- निजी बसों के परिचालकों को अनुदान पर ई-टिकटिंग मशीनें उपलब्ध करवाई जाएं।