India news (इंडिया न्यूज़), Stamp paper, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश में सरकार ने भौतिक स्टाम्प पेपरों की छपाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अब ई-मोड के माध्यम से ही स्टाम्प ड्यूटी को एकत्रित करने का फैसला लिया गया है। प्रदेश में अगले वित्त वर्ष से पूरी तरह से ई-स्टाम्प प्रणाली से स्टाम्प पेपर की बिक्री की जाएगी। स्टाम्प विक्रेताओं को एक वर्ष में भौतिक स्टाम्प पेपर से ई-स्टाम्प प्रणाली अपनाने को कहा गया है। इस वित्तीय वर्ष में दोनों प्रणालियां लागू रहेगी।
पहले से छपे स्टाम्प पेपर को बेचने के लिए विक्रेताओं को एक वर्ष का समय दिया गया है। इसके बाद पूरी तरह से ई-स्टाम्प का ही इस्तेमाल किया जाएगा। पूर्ण रूप से ई-स्टाम्पिंग प्रणाली को अपनाने से राजस्व में हर साल करीब 50 करोड़ रुपए की बचत होगी, क्योंकि भौतिक स्टाम्प पेपरों की छपाई पर हर साल करीब 50 करोड़ रुपए खर्च हो जाते हैं।
पोर्टल पर तैयार किया जा रहा है ई-स्टाम्प पेपर
इस समय स्टाम्प विक्रेताओं के लिए स्टाम्प पेपर विक्रय की अधिकतम सीमा 20 हजार रुपए प्रति दिन है। ई-स्टाम्प प्रणाली अपनाने से यह सीमा बढ़कर 2 लाख रुपए प्रतिदिन हो जाएगी। इससे स्टाम्प विक्रेताओं को भी फायदा होगा।
इसके अलावा उपभोक्ताओं को भी लाभान्वित करने के लिए योजना बनाई जा रही है। इसके लिए सैंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजैंसी स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल) के पोर्टल पर ई-स्टाम्प तैयार किया जा रहा है। स्टाम्प विक्रेता न्यूनतम कमीशन करने के बाद इस पोर्टल से ई-स्टाम्प तैयार कर सकते हैं।
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