Temple in Himachal: हिमाचल प्रदेश में बहुत सारे मंदिर स्थित हैं। यहां कई ऐसे मंदिर हैं जो बहुत सारे रहस्य समेटे हुए है। ऐसा ही हिमाचल का मसरूर मंदिर है। इसका निर्माण और नक्काशी आज भी कारीगरों के लिए रहस्य बना हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर को बनाने में 100 साल से भी ज्यादा का समय लगा था। कलाकार आज तक इस मंदिर की कलाकृति का पता नहीं लगा पाए हैं।
- हिमाचल में स्थित है रहस्यमयी मंदिर
- हिमाचल प्रदेश के मसरूर मंदिर कारीगरों के लिए है रहस्य
- मंदिर को बनाने में लगा था 100 साल का समय
मंदिर को बनाने वालों के बारे में पुख्ता जानकारी नहीं
हिमाचल का मसरूर मंदिर किसने और किन कारीगरों ने बनाया इसके बारे में आजतक जानकारी नहीं मिल पाई है। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर के निर्माण में जो नक्काशी इस्तेमाल किया गया। वो नक्काशी सातवीं शताब्दी में पल्लव किंग नरसिंह वर्मन प्रथम के समय की लगती है। इसका मंदिर का निर्माण दक्षिण भारत के कई मंदिरों के साथ किया गया था।
चट्टानों में इंडो आर्यन स्टाइल की हुई है नक्काशी
यह एक 15 स्थिर और मजबूत चट्टानों का समूह था जिसे कारीगरों ने काटकर मंदिर का रूप दे दिया। इन मजबूत चट्टानों पर इंडो आर्यन स्टाइल की नक्काशी की गई है। उत्तर भारत में इकलौता मंदिर है जिसे चट्टानों को काटकर बनाया गया है। मंदिर के मुख्य भाग पर श्रीराम राम, लक्ष्मण और सीता की छवियां को अंकित किया गया है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
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