Himachal pradesh: हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में आज भी एक ऐसा गांव है जहां जान जोखिम में डाल झूले पर बैठकर लोग गंतव्य तक पहुंचते हैं। यह गांव करसोग विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत सरत्योला में बसा मगाण गांव है। विडंबना यह है कि राजनेताओं ने इस क्षेत्र को केवल वोट बैंक के तौर पर ही इस्तेमाल किया। लेकिन आज तक ग्रामीणों का दर्द कोई नहीं समझ पाया है। वहीं अब क्षेत्रवासियों में आशा की किरण वर्तमान विधायक दीपराज भंथल से जगी है। विधायक को देखकर स्थानीय लोग प्रसन्न होने के साथ भावुक भी हुए। उनका कहना था कि आज दशकों बाद कोई विधायक हमारे दर्द समझने मगाण पहुंचे हैं। विधायक दीपराज ने विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने के उपरांत सरत्योला पंचायत के अति दुर्गम गांव मगाण का दौरा किया।
- हिमाचल के मंडी में एक ऐसा गांव जहां 56 साल में नहीं गया था कोई विधायक
- विधायक दीपराज भंथल ने किया मगाण गांव का दौरा
- विधायक ने गांव को गोद लेने की कही बात
विधायक ने गांव को गोद लेने की घोषणा की
ऐसे में विधायक ने शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से जुड़ने वाले मांजू-मगाण झूले पर बैठकर सतलुज नदी को पार किया। उसके पश्चात उन्होंने पैदल सफर तय कर सरत्योला पंचायत के मगाण गांव पहुंचे। गांव पहुंचने पर उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह दुख और शर्म की बात है कि आज अधिकतर गांव नई टैक्नोलॉजी एवं आधुनिक सुविधाओं से लैस हो रहे हैं लेकिन हमारा मगाण गांव मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित है। विधायक दीपराज ने स्थानीय जनता की समस्याओं का समाधान करने के उद्देश्य से मगाण गांव को गोद लेने की घोषणा की।
56 साल बाद किसी विधायक ने किया मगाण गांव का दौरा
करसोग विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सरत्योला पंचायत के पिछड़े गांव मगाण का दौरा करना कोई भी राजनेता पसंद नहीं करता। यह बात मगाण गांव के लोगों ने खुलकर बताई है। मगाण के बुजुर्गों ने बताया कि वर्ष 1962 में पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने इस गांव का दौरा किया था। उसके बाद वर्ष 1967 में करसोग के पूर्व विधायक मनसा राम ने मगाण का दौरा किया। लगभग 56 वर्ष बीतने पर आज पहली बार विधायक बने दीपराज भंथल ने मगाण गांव का दौरा किया। ऐसे में स्थानीय जनता ने एमएलए दीपराज का स्वागत-अभिनंदन किया और बुजुर्गों ने उन्हें आशीर्वाद भी दिया।
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