इंडिया न्यूज़, Shimla Himachal : सुरंगो से 50 से 60 हजार लीटर पानी प्रतिदिन होगा स्टोरेज। हिमाचल में सुरंग ढह जाने से पहाड़ से पानी निकल आया है। इस सुरंग से निकलने वाले पानी को पाइपलाइन के द्वारा टैंकों तक पहुंचाया जाएगा। यह पानी पीने के साथ -साथ खेतों, और अन्य गतिविधियों में काम आने वाला है।
लोगों की पानी की समस्या होगी खत्म
यहाँ से निकलने वाले पानी का ग्रामीण क्षेत्रों को बहुत फायदा होने वाला है। जो लोग पानी से तरसतें रहें हैं, उनकी समस्या का भी निवारण हो जाएगा। गर्मीं क्षेत्रों में सिचाई का काम भी अच्छे से हो सकेगा। आपको बता दे की पहाड़ों में बनी सुरंगों से बहने वाले पानी को अब एकत्रित किया जाएगा।
सुरंगो से निकलने वाले पानी को जमा किया जाएगा
पहाड़ में बनी टनलों के बहार सीमेंट के बड़े-बड़े टैंक बनाये जाएगा। सुरंगो का पानी पाइप लाइन से होते हुए इन टैंकों में पहुंचाया जाएगा। सुरंगों से रिसने वाले पानी को जमा करने के बारे में पहली बार काम किया जाएगा। पानी जमा करने की यह तकनीक हिमाचल में पहली बार इतेमाल की जाएगी।
70 से 80 फीसदी सुरंगों में पानी का रिसाव होता है
इस तकनीक का प्रयोग सबसे पहले किरतपुर-मनाली हाइवे पर नेरचौक और पंडोह के बीच नेला सुरंग में किया गया और यह सफल भी रहा है। इस पानी जमा करने की तकनीक का प्रयोग 35 सुरंगों में होगा। आपको बता दे की एनएचएआई अधिकारियों से पता चला है की 70 से 80 फीसदी सुरंगों में पानी का रिसाव होता रहता है। हर सुरंग से करीब 50 से 60 हजार लीटर पानी रोज जमा हो सकता है।